The one stop objective of UTS system is to exploit the latest technologies and alleviate the plight of common man who stands in long queues for ticket bookings. यूटीएस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य नवीनतम प्रौद्योगिकियों को अपनाना और आम आदमी जो टिकट बुकिंग के लिए लंबी पंक्तियों में खड़ा होता है, की समस्याओं को समाप्त करना है।
The unreserved ticketing system began as a pilot project in August 2002 on Northern Railway. A precursor to this centralized ticketing system was the Self Printing Ticket Machines (SPTMs), a standalone system that was phased out with the arrival of UTS. Initially, the central hardware architecture was supported with station level servers to ensure business continuity in the event of network failures. The booking office operator dispensed the tickets using dumb terminals and dot matrix printers. Over the years with improved reliability of the network, a newer design came into force with the introduction of thin clients provided to the operator. The Zonal Railways are responsible for manning the UTS counters and running the services, while CRIS maintains the application and ensures continuity of business at the system level. There are nearly 100 ticket types that are sold through the system based on class of travel, concessions for senior citizens and children, concessions to other categories, and season tickets. The business rules and fares are determined by the policies of the Ministry of Railways. अनारक्षित टिकिटंग प्रणाली को अगस्त, 2002 में उत्तर रेलवे में एक पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया था। इस केँद्रीकृत टिकटिंग प्रणाली का पूर्ववर्ती सेल्फ प्रिंटिंग टिकट मशीन (एसपीटीएम), एक स्टैंडएलोन प्रणाली थी जिसे यूटीएस के आने पर हटा दिया गया था। प्रारंभ में, नेटवर्क फेलियर के मामले में व्यापार निरंतरता बनाए रखने के लिए सेंट्रल हार्डवेयर आर्किटेक्चर को स्टेशन लेवल सर्वर से समर्थित किया गया था। बुकिंग ऑफिस ऑपरेटर डम्ब टर्मिनल और डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का उपयोग करते हुए टिकट देते थे। समय के साथ-साथ नेटवर्क की बेहतर विश्वसनीयता के साथ थिन क्लाइंट की शुरुआत से एक नया डिजाइन प्रचलन में आया जिसे ऑपरेटरों को दिया गया। क्षेत्रीय रेलवे यूटीएस काऊंटरों पर कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवाएं चलाने के लिए उत्तरदायी है, जबकि क्रिस ऐप्लिकेशन और सिस्टम प्रणाली पर व्यापार निरंतरता सुनिश्चित करता है। यात्रा की श्रेणी, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए रियायत, अन्य कोटियों को रियायत और सीज़न टिकटें के आधार पर प्रणाली द्वारा लगभग 100 प्रकार की टिकटें बेची जाती है। व्यावसायिक नियम और भाड़ों को रेल मंत्रालय की नीतियों द्वारा निर्धारित किया जाता है।
UTS on Mobile Project has been launched with paperless ticket option on 22nd April 2015 for Android and Windows smart phones. App for iOS smart phones has also been launched on 8th Feb.2018 . The App named as "UTS" can be downloaded from Google Play Store, Windows Phone Store and Apple App Store. A website named www.utsonmobile.indianrail.gov.in is available for passengers for registration and creation/recharge of R-wallet. Payments can be done through credit/debit card and Netbanking. Various e-wallets like Paytm, Mobikwik and Freecharge have been integrated with the App. Both paperless as well as paper ticket can be booked. To prevent booking of ticket in Railway premises, the Railway tracks and stipulated surrounding area are Geo-Fenced. This preventive measure is one of its kind for ticketing in India to prevent booking of tickets on seeing TTE/TC at platform or in train. This prevents revenue leakage. Currently, the mobile application has been proliferated at Pan India level. Journey, platform and season tickets can be booked through this App. Currently, inter zonal mobile ticketing is also enabled in all zones. पेपररहित टिकट विकल्प के साथ एंड्रॉयड और विंडो स्मार्ट फोनों के लिए 22 अप्रैल, 2015 को यूटीएस ऑन मोबाइल प्रोजेक्ट शुरु किया गया था। आईओएएस स्मार्ट फोनों के लिए भी 8 फरवरी, 2018 को ऐप शुरु किया गया था। “यूटीएस” नामक ऐप को गूगल प्ले स्टोर, विंडो फोन स्टोर और ऐप्पल ऐप स्टोर से डाऊनलोड किया जा सकता है। यात्रियों के पंजीकरण और आर-वॉलेट सृजित/रिचार्ज करने के लिए www.utsonmobile.indianrail.gov.in नामक वेबसाइट उपलब्ध है। क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेटबैंकिंग द्वारा भुगतान किया जा सकता है। पेटीएम, मोबीक्विक और फ्रीचार्ज जैसे विभिन्न ई-वैलेट ऐप के साथ एकीकृत किए गए हैं। पेपररहित के साथ-साथ पेपर टिकट भी बुक किए जा सकते हैं। रेल परिसरों में टिकट बुकिंग रोकने के लिए, रेलवे ट्रैक्स और आस-पास का निर्धारित क्षेत्र जियो-फेन्सड है। प्लेटफार्म और गाड़ी में टीटीई/टीसी को देखते ही टिकट बुकिंग करने से रोकने के लिए भारत में टिकट प्रणाली हेतु अपनी तरह का प्रतिबंधक उपाय है। यह राजस्व हानि को रोकता है। वर्तमान में मोबाइल ऐप्लिकेशन का संपूर्ण भारत में विस्तार किया गया है। इस ऐप के माध्यम से यात्रा, प्लेटफार्म और सीज़न टिकटों को बुक किया जा सकता है। वर्तमान में, सभी जोनों में अंतरजोन मोबाइल टिकट प्रणाली भी उपलब्ध है।
To prevent standing in queues at counters and to promote self service based quick dispensing of tickets, the concept of Cash-Coin & Smart Card operated ticket vending machine (CoTVM) was evolved. These kiosks are operational across 9 Zonal Railways viz. NR, CR, WR, SR, SWR, SCR, ER, SER and SECR. The CoTVM is an unmanned kiosk which is operated by passengers themselves. It has the feature of issuing Journey tickets & Platform tickets and renewing Season tickets. It can also be used to recharge Smart cards used in ATVMs (Automatic Ticket Vending Machines). Payment is in the form of coins, bank notes and smart cards. The machine is capable of accepting specific coins of Rs.5 and Rs.10 and bank notes of Rs. 5, Rs.10, Rs.20, Rs.50 and Rs.100 of Gandhi series. The machine does not accept currency notes with Ashoka Chakra Emblem. काऊंटरों पर भीड़ समाप्त करने और टिकटों को तेजी से वितरित करने पर आधारित स्वयं सेवा को प्रोत्साहित करने के लिए, कैश-कॉयन एंड स्मार्ट कार्ड ऑपरेटेड टिकट वेंडिंग मशीन (CoTVM) को विकसित किया गया था। ये कियोस्क 9 क्षेत्रीय रेलों यथा उत्तर रेलवे, मध्य रेलवे, पश्चिम रेलवे, दक्षिण रेलवे, दक्षिण पश्चिम रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे पर परिचालित है। सीओटीवीएम पर किसी कर्मचारी की आवश्यकता नहीं होती है, इसे यात्री द्वारा स्वयं ही परिचालित किया जाता है। इसमें यात्रा टिकटों एवं प्लेटफार्म टिकटों को जारी करने तथा सीजन टिकटों के नवीकरण करने की विशेषता होती है। इसे एटीवीएम (ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन) वाले स्मार्ट कार्डों को रिचार्ज करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। मशीन 5 रूपए और 10 रूपए के विशिष्ट सिक्कों और गांधी सीरिज के 5 रूपए, 10 रूपए, 20 रूपए, 50 रूपए और 100 रूपए के बैंक नोटों को स्वीकृत करने में सक्षम है। मशीन अशोक चक्र निशान वाले करंसी नोटों को स्वीकार नहीं करती है।
Ticketing services for the unreserved sector were also outsourced as per Railway Board's Jan Sadharan Ticket Booking Sewa (JTBS) scheme launched in January 2007. These outlets provide self-employment opportunities and the operators are offered a nominal commission per passenger. The terminals at these counters connect to the central servers for issuing the tickets. जनवरी, 2007 में शुरू रेलवे बोर्ड की जन साधारण टिकट बुकिंग सेवा (जेटीबीएस) योजना के अनुसार अनारक्षित क्षेत्र के लिए टिकट सेवाओं को आऊटसोर्स्ड किया गया था। ये आऊटलेट स्व-रोजगार अवसर उपलब्ध कराते हैं और ऑपरेटरों को प्रति यात्री नामात्र का कमीशन दिया जाता है। टिकटों को जारी करने के लिए इन काऊंटरों पर टर्मिनलों को सेंट्रल सर्वरों से कनेक्ट किया जाता है।
Ticketing services for the unreserved sector were also outsourced as per Railway Board's Yatri Ticket Suvidha Kendra (YTSK) scheme launched in August 2014. These outlets provide self employment opportunities and the operators are offered a commission per passenger. The terminals at these counters connect to the central servers for issuing the tickets. अगस्त, 2014 में शुरू रेलवे बोर्ड की यात्री टिकट सुविधा केंद्र (वाईटीएसके) योजना के अनुसार अनारक्षित क्षेत्र के लिए टिकट सेवाओं को आऊटसोर्स्ड किया गया था। ये आऊटलेट स्व-रोजगार अवसर उपलब्ध कराते हैं और ऑपरेटरों को प्रति यात्री नामात्र का कमीशन दिया जाता है। टिकटों को जारी करने के लिए इन काऊंटरों पर टर्मिनलों को सेंट्रल सर्वरों से कनेक्ट किया जाता है।
Apart from manned counters for dispensing tickets, there are also automatic ticket vending machines (ATVM) that are operated using smart cards and touch screens. This technology was first introduced in Mumbai in Oct 2007 and its success led to proliferation to other metropolitan cities. Chennai, Secunderabad, Delhi and Kolkata are the other cities where these machines are currently commissioned. Presently, ATVMs are operational across 14 Zonal Railways viz. NR, NCR, NWR, NER, CR, WR, WCR, SR, SWR, SCR, ER, SER, ECOR and SECR. टिकट वितरित करने के लिए मानवयुक्त काऊंटरों के अतिरिक्त, ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीनें भी है जो स्मार्ट कार्ड और टच स्क्रीन द्वारा परिचालित की जाती है। इस प्रौद्योगिकी को सर्वप्रथम अक्टूबर, 2007 में मुंबई में शुरु किया गया था और इसकी सफलता के बाद अन्य महानगर शहरों में विस्तारित किया गया। चेन्नई, सिकंदराबाद, दिल्ली और कोलकाता अन्य शहर है, जहां ये मशीनें वर्तमान में परिचालित है। वर्तमान में, एटीवीएम 14 क्षेत्रीय रेलों यथा उरे, उमरे, उपरे, पूर्वोरे, मरे, परे, पमरे, दरे, दपरे, दमरे, पूरे, दपूरे, पूतरे और दपूमरे पर परिचालित है।
Customer convenience/choice for purchase of ticket through different modes of Sale, reducing booking counters at stations बिक्री के विभिन्न माध्यमों द्वारा टिकट खरीद के लिए ग्राहक की सुविधा/विकल्प से स्टेशनों पर बुकिंग काऊंटरों में कमी।
Jan Sadharan Ticket Booking Sewa (JTBS) & YTSK (Yatri Ticket Suvidha Kendra) scheme. These outlets provide self-employment opportunities and the operators are offered a commission per passenger. जन साधारण टिकट बुकिंग सेवा (जेटीबीएस) एवं वाईटीएसके (यात्री टिकट सुविधा केंद्र) योजना। ये आऊटलेट स्व-रोजगार अवसर उपलब्ध कराते हैं और ऑपरेटरों को प्रति यात्री नामात्र का कमीशन दिया जाता है।
A scheme has been launched for outside parties/agents namely Station Booking Agents (STBA) who work over UTS counters in Railway premises and get a commission based on collections. बाहरी पार्टियों/एजेंटों अर्थात् स्टेशन बुकिंग एजेंटों (एसटीबीए) जो रेल परिसरों में यूटीएन काऊंटरों पर कार्य करते है और संग्रहण के आधार पर कमीशन प्राप्त करते हैं, उनके लिए एक योजना शुरु की गई है।
UTS on Mobile Project has been launched for Android, Windows and iOS phones. Payments can be done through credit/debit card and Netbanking. Various e-wallets have been integrated with the App. यूटीएस ऑन मोबाइल प्रोजेक्ट को एंड्रॉयड, विंडो और आईओएस फोनों के लिए शुरु किया गया। क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेटबैंकिंग द्वारा भुगतान किया जा सकता विभिन्न ई-वैलेट ऐप के साथ एकीकृत किए गए हैं।
The mobile application covers 9120 stations (6333 stations as source) . Appx. 2.34 lakhs tickets are booked daily, covering appx. 14.21 lakh passenger travel & generating revenue of appx. Rs 1.33 Crore मोबाइल ऐप्लिकेशन 9120 स्टेशनों (स्रोत के रूप में 6333 स्टेशन) को शामिल करती है। प्रतिदिन लगभग 2.34 लाख टिकटें बुक की जाती है, जो लगभग 14.21 लाख यात्रियों को कवर करती है एवं लगभग 1.33 करोड़ रूपए का राजस्व सृजित करती है।